Cryptocurrency एक Digital Currency होती है, इसे एक Decentralized System के द्वारा Manage किया जाता है, इस करेंसी में हर एक लेन-देन पर Digital Signature के द्वारा वेरिफिकेशन की जाती है।

क्रिप्टोकरेंसी Blockchain तकनीक के जरिए काम करती है, यानी कि इसमें हर एक लेन-देन का रिकॉर्ड रखा जाता है, इन सब प्रक्रिया में बहुत ही Powerful Computers के द्वारा निगरानी रखी जाती है,

जब क्रिप्टोकरंसी में किसी भी प्रकार की कोई लेन-देन होती है, तब इन सबकी जानकारी ब्लॉकचेन (Blockchain) के जरिए दर्ज की जाती है, यानी की ट्रांजेक्शन की जानकारी को एक ब्लॉक में रखा जाता है।

 इन Blocks की Encryption और Security का काम Miners के द्वारा किया जाता है, इसके लिए Miners एक Cryptographic पहेली को हल करके ब्लॉक के लिए एक उचित Code ढूंढने का काम करते हैं।

जब किसी Miner के द्वारा सही कोड को ढूंढ लिया जाता है, तब उसे ब्लॉकचेन में जोड़ दिया जाता है, और फिर नेटवर्क में मौजूद अन्य Nodes (Computers) उसे वेरीफाई करते हैं, इस प्रक्रिया को Consensus कहते हैं।

यदि Consensus में ब्लॉक के सुरक्षित होने की पुष्टि हो जाती है और वह सही पाया जाता है, तो उसे सुरक्षित करने वाले माइनर को क्रिप्टो कॉइंस दिए जाते हैं, 

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