हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज का हमारा टॉपिक है की अमृत सरोवर योजना 2022 | अमृत सरोवर योजना | amrat sarover scheme | अमृत सरोवर मिशन | अमृत सरोवर योजना का उद्देश्य एवं लाभ इसकी पूरी जानकारी मिलने वाली है।
नमस्कार दोस्तों, आपने पानी बिन सब सून कहावत तो सुनी होगी यह कहावत वर्तमान समय में काफी प्रसांगिक हो चुकी है अर्थात पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवो, प्राणियों, पशु , पक्षियों, पेड़-पौधों तथा मनुष्य आदि के जीवन के लिए पानी बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है । हमारा जीवन पानी के बगैर कुछ भी नहीं है। प्रकृत बहुत ही दयावान एवं कृपालु है उसने हमें पीने के लिए पानी बारिश के रूप में, नदी के रूप में, झील तथा झरने एवं समंदर इत्यादि के रूपों में दिया है। इन सभी स्रोतों से प्राप्त पानी को संरक्षित करके सुरक्षित रख लें तो हमें पानी की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सकता है।
वर्षा के माध्यम से हर साल करोड़ों लीटर पानी की प्राप्ति होती है अगर हम इसे गड्ढे तथा तालाब बनाकर इकट्ठा करें तो हमें पानी की विकराल समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है। अमृत सरोवर हमारे लिए बहुत ही काम के होते हैं यह भूमिगत जल को बढ़ाने के साथ-साथ हमें पीने के लिए पानी, पशु- पक्षीयों, सिंचाई आदि के लिए भी पानी की व्यवस्था प्राकृतिक रूप से करते हैं। हमारे देश के कुछ हिस्सों में अभी तक अभी भी तालाबों द्वारा सिंचाई की जाती है। तालाब भूमिगत जलस्तर बढ़ाने के साथ ही अपने आसपास के दूर तक क्षेत्रों में भी भूमिगत जल स्तर को बढ़ा देता है जिससे जल की समस्या दूर होती है।
वर्तमान समय में देश मे तालाबों पर अवैध कब्जा कर उन पर घर बनाना एवं कृषि जैसे अनेक कार्य किए जा रहे हैं जिससे तालाब अपने मूल स्वरूप को खो चुके हैं। हमारे देश में तालाबों की संख्या काफी कम होती जा रही है इसलिए वर्षा जल का पर्याप्त संरक्षण न होने के कारण भूमिगत जल का स्तर काफी कम होता जा रहा है इसलिए प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी द्वारा 24 अप्रैल 2022 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर देश के प्रत्येक जिले में 75-75 तालाबों के निर्माण के लिए अमृत सरोवर योजना 2022 शुरू करने की घोषणा की है अमृत सरोवर योजना के माध्यम से देश भर में तालाबों को फिर से पुनर्जीवित किया जाएगा।
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अमृत सरोवर योजना 2022 (Amrit Sarovar Yojana)
हमारे देश की भौगोलिक संरचना बड़ी कठिन है भारत में सामान्य प्रकार की वर्षा होती है कहीं पर 120 सेंटीमीटर से भी अधिक तो कहीं पर 50 सेंटीमीटर में से कम बारिश होती है। इसलिए देश के कुछ हिस्सों में पेयजल का संकट तथा सिंचाई का संकट बना रहता है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में बुंदेलखंड, पश्चिमी राजस्थान , दक्कन का पठार तथा पश्चिमी घाट का पूर्वी हिस्सा शामिल हैं। यह क्षेत्र वर्ष भर लगभग सूखे की मार झेलते हैं । इसलिए इन स्थानों पर कम वर्षा के कारण पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है। यही कारण है कि इन क्षेत्रों में काफी सामाजिक तथा आर्थिक तनाव बना रहता है इसलिए इस समस्या से निजात पाने के लिए हमारे प्रधानमंत्री जी ने अमृत सरोवर योजना 2022 शुरू की है।इस योजना के माध्यम से देश के प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में 75-75 तालाबों का निर्माण किया जाएगा।
अमृत सरोवर योजना की संकल्पना प्रधानमंत्री जी के मासिक संबोधन मन की बात में उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के गांव पटवाई में भारत का पहला अमृत सरोवर बनकर तैयार हुआ इससे प्रभावित होकर प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत की आजादी के अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2022 की 75 साल होने पर प्रत्येक जिले में 75-75 अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। यह तालाब काफी बड़े एवं गहरे होंगे तथा पर्यटन के उद्देश्य से विकसित किए जाएंगे इनमें फूड ट्राली, सौंदर्यरीकरण तथा तालाब के आसपास लाइट की व्यवस्था करना छायादार वृक्ष लगाना इत्यादि भी शामिल हैं ।
अटल सरोवर योजना 2022 उत्तर प्रदेश,हरियाणा,हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों में शुरू हो चुकी है। सबसे पहले हरियाणा सरकार द्वारा सोनीपत जिले के नाहरा गांव में 1 मई 2022 से अमृत सरोवर मिशन शुरू कर दिया गया है।
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अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana) से संबंधित संक्षेप में सूचना-
योजना | अमृत सरोवर योजना 2022 |
उद्देश्य | भूमिगत जल स्तर को बढ़ाना |
लाभ | पेयजल संकट दूर होगा तथा सिंचाई संकट दूर होगा |
शुरुआत | केंद्र के आवाहन पर राज्य सरकारों द्वारा |
तालाब संख्या | देश के प्रत्येक जिले में 75-75 तालाबों का निर्माण करना |
अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana) 2022 का उद्देश्य-
देश में भूमिगत जल का स्तर काफी गिरता जा रहा है ऐसे में हमें सिंचाई के लिए, पीने के लिए एवं उद्योगों के लिए पानी का संकट पैदा हो गया है। पानी के मुख्य स्रोत सूखे जा रहे हैं। वर्षा जल का संरक्षण नहीं हो पा रहा है। वर्षा जल के संरक्षण के सबसे बड़े स्रोतों में से एक तालाब अब खत्म होते जा रहे हैं इसलिए सरकार द्वारा पेयजल संकट से निपटने के लिए अमृत सरोवर योजना 2022 लाई गई है। अमृत सरोवर योजना का उद्देश्य तालाबों को पुनर्जीवित करना, उन्हें पर्यटन के लिए आकर्षक बनाना, उनका सौंदर्यीकरण करना, तालाब के चारों तरफ रोशनी की व्यवस्था करना, तालाब के चारों तरफ पेड़ पौधे लगाना एवं स्वच्छता कायम रखना है एवं लोगों को तालाबों के महत्व के प्रति जागरूक करना भी है।
अमृत सरोवर योजना 2022 की आवश्यकता क्यों-
अमृत सरोवर योजना की आवश्यकता को हम निम्न बिंदुओं द्वारा समझ सकते हैं-
- भारत कृषि प्रधान देश है । कृषि में भारी मात्रा में भूमिगत जल संसाधन का उपयोग किया जा रहा है जिससे जल संकट गहरा गया है।
- वनों की अंधाधुंध कटाई, वर्षा का अनिमियत होना, नदियों के जल का संरक्षण ना करना इत्यादि कारणों से जल संकट खड़ा हो गया है।
- नीति आयोग की रिपोर्ट 2018 के अनुसार समग्र जल प्रबंधन सूचकांक के मुताबिक देश के 21 बड़े शहरों के 100 मिलीयन लोग जल संकट से जूझ रहे हैं अमृत सरोवर योजना के माध्यम से इस संकट से निजात पा सकते हैं।
- तालाबों पर अवैध कब्जा, सूखा, कमजोर जल संरक्षण तंत्र इत्यादि के कारण भूमिगत जल में कमी होना भी अमृत सरोवर योजना की आवश्यकता पर बल देते हैं।
- जल संकट से खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण संकट , जल संघर्ष तथा आर्थिक विकास का गिरना भी महत्वपूर्ण कारक है।
अमृत सरोवर योजना 2022 द्वारा जल संरक्षण कैसे-
अमृत सरोवर योजना 2022 के माध्यम से 15 अगस्त 2022 आजादी के अमृत महोत्सव तक देशभर में प्रत्येक जिले में 75-75 तालाबों का निर्माण किया जाएगा। अमृत सरोवर मिशन के तहत नए तालाबों को खोदकर एवं पुराने तालाबों को पुनर्जीवित कर बड़े तथा गहरे तालाबों को बनाया जाएगा। इन तालाबों में पानी इकट्ठा करने के लिए नाली बनाकर जल लाया जाएगा, जिससे यह तालाब वर्षा के पानी से लबालब भरे रहेंगे। अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के संरक्षण के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा। तालाबों का सौंदर्यीकरण कर उनमें बैरिकेडिंग करना ,रोशनी की समुचित व्यवस्था करना, देखरेख करना , आकर्षक पर्यटन स्थल बनाना , उनके चारों तरफ छायादार वृक्ष लगाना इत्यादि भी इस योजना के माध्यम से किया जाएगा।
अमृत सरोवर योजना 2022 के लाभ-
अमृत सरोवर योजना देश में गहराते जल संकट को दूर करने में काफी मददगार साबित होगी। इस योजना के तहत अनेक तालाबों का निर्माण किया जाएगा, जो भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने में में काफी बड़ी भूमिका निभाएंगे। अमृत सरोवर योजना 2022 के सफल होने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे-
- अमृत सरोवर योजना के तहत बने तालाब काफी आकर्षक पर्यटन गंतव्य बनेंगे जिससे पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ोतरी संभव है।
- इस योजना के माध्यम से भूमिगत जल स्तर में काफी सुधार होगा जिससे पीने के लिए पानी सिंचाई इत्यादि के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था हमेशा बनी रहेगी।
- अमृत सरोवर योजना के तहत निर्मित तालाबों द्वारा पशु-पक्षियों,जलीय-जीवो इत्यादि के लिए की पानी की समस्या खत्म होगी।
- अमृत सरोवर के निर्माण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। वह तालाब में मछली पालन, मखाने की खेती एवं पर्याप्त सिंचाई व्यवस्था होने से खाद्यान्न का अधिक उत्पादन करके खुद को समृद्ध बना सकेंगे तथा देश के आर्थिक विकास में सहयोग भी करेंगे।
Conclusion
हमारी पृथ्वी पर उपस्थित जल सबसे महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक है। जल के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं इसलिए हमें जल की रक्षा करनी चाहिए। वर्तमान में भारत जल संकट से गुजर रहा है ऐसे में अमृत सरोवर योजना 2022 भारत में जल संकट कम करने के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। हमारे देश में जल संरक्षण नीतियां तो काफी हैं पर स्थानीय शासन, प्रशासन एवं निकायों की उदासीनता के कारण वह ठीक से अमल में नहीं आ पाती हैं। अतः अमृत सरोवर योजना के माध्यम से तथा नीतियों के सफल क्रियान्वयन होने से मौजूदा हम जल संकट से छुटकारा पा सकते हैं।
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FAQ
उत्तर 24 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी द्वारा तालाबों को पुनर्जीवित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है
उत्तर- इस योजना का उद्देश्य पेयजल संकट को दूर करना तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त जल की व्यवस्था करना एवं भूमिगत जल स्तर को बढ़ाना है।
उत्तर- अमृत सरोवर मिशन के तहत देश के प्रत्येक जिले से 75-75 तालाबों का निर्माण किया जाएगा।
उत्तर- 15 अगस्त 2022 आजादी के अमृत महोत्सव तक इस योजना संबंधित सभी तालाबों का निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।